Partition of bengal.

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PARTITION OF BENGAL- Partition of Bengal by British and their Failure The greatest weapon of imperia¬lism is creation of dissension among the subjects, development of mutual suspicion and mistrust and thereby preventing unity among them to perpetuate rule. During the second half of the nineteenth century, particularly after the revolt of 1857, there was a gradual growth of patriotism and nationalism among the Indians which naturally became a matter of uneasiness among the British rulers. The foundation of the Indian National Congress in 1885 and its criticism of the British administra¬tion as well as its demand for the redress of the grievances of the Indian people all the more strengthened the national feeling of the Indians. The anti-Congress movement of Sir Syed Ahmad, if not entirely encouraged by the British, at least created the opportunity of sowing the seeds of dissension between the two great Indian commu¬nities—the Hindus and the Muslims, by the British imperia

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जानें कौन थे अमेरिकी हमले में मारे गए जनरल कासिम सुलेमानी?


“अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने 03 जनवरी 2019 को कहा कि विदेश में अमेरिकी नागरिकों की रक्षा को लेकर किए गए ड्रोन हमले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स के शक्तिशाली कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी मारे गए हैं. अमेरिका के इस कदम से दोनो देशों के बीच खाड़ी क्षेत्र में तनाव नाटकीय रूप से बढ़ गया है.

अमेरिका के हवाई हमले में ईरान के जनरल कासिम सुलेमानी की मौत ने दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ा दिया है. अमेरिका और ईरान में तनाव बढ़ने का असर भारत सहित विश्व के दूसरे देशों पर भी पड़ेगा. ईरान के सुप्रीम लीडर अयतुल्ला खमेनेई ने जनरल कासिम की मौत पर तीन दिन के शोक की घोषणा की.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इराक के कद्स फोर्स के प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी का काफिला बगदाद एयरपोर्ट की ओर बढ़ रहा था उसी दौरान अमेरिकी सेना ने रॉकेट लॉन्चर से हवाई हमला कर दिया. इस हमले में कासिम सुलेमानी के अतिरिक्त ईरान समर्थित सेना के डिप्टी कमांडर अबू मेहदी अल मुहादिस के भी मारे जाने की खबर है.

जानें कौन थे जनरल कासिम सुलेमानी?

• सुलेमानी का जन्म साल 1957 में ईरान के करमन प्रांत में एक किसान परिवार में हुआ था. वे साल 1979 की क्रांति के बाद ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड्स में शामिल होने से पहले एक कंस्ट्रक्शन वर्कर थे.

• एक गरीब किसान परिवार में जन्मे कासिम सुलेमानी को भविष्य का राष्ट्रपति भी कहा जाता था. उन्होंने आईएसआईएस को हराने में मदद की तथा पश्चिम एशिया में ईरान का प्रभाव बढ़ाने में भी उनकी अहम भूमिका थी.

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ईरान ने कहा की बदला लेंगे

ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि ईरान और इस क्षेत्र के सभी मुक्त देश रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी की हत्या हेतु संयुक्त राज्य अमेरिका से बदला लेंगे. इराक के हशेद अल-शाबी सैन्य बल के कमांडर ने अमेरिकी स्ट्राइक के बाद अपने लड़ाकों को अलर्ट पर रहने के लिए कहा है.

ईरान के लिए कितने अहम थे सुलेमानी?
ईरान के लिए जनरल कासिम सुलेमानी बेहद अहम थे. जनरल सुलेमानी को अपने देश तथा देश के बाहर एक महत्वपूर्ण हस्ती का दर्जा मिला हुआ था. जनरल सुलेमानी ईरान के अल-कुद्स बल के प्रमुख तथा इसके क्षेत्रीय सुरक्षा उपकरण समूहों के रचयिता थे. कासिम सुलेमानी की अहमियत ईरान के बाहरी सुरक्षा हितों की देखभाल हेतु एक विशेष बल को बढ़ावा देने की उनकी क्षमता थी. रिपोर्ट के अनुसार, सुलेमानी की लोकप्रियता अपने देश के राष्ट्रपति हसन रूहानी से भी ज्यादा पाई गई थी”

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